Saurabh Patel

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -31-Jul-2022 आशिक़ी से अफ़सोस तक


हमने अपनी ज़िंदगी यूंही बर्बाद कर ली
उसने तो किसी और के साथ अपनी औलाद कर ली

खुद को कोसते रह जाएंगे हम उम्र भर के लिए
कर ली उसने चाहत किसी और से और वो भी बेहद कर ली

हम यहां पढ़ते रह गए कानून की किताबे और 
वहां किसी और ने अपने नाम हमारे दिल की जायदाद कर ली

जब भी हम गुजरे वहां से हमें अपनी नाकामी ने सताया
तो गुजरते वक्त तोहफे की दुकान से हमने अपनी आंखे बंद कर ली

जब से वो बिछड़े है "सौरभ" हाल अपना क्या बताए
इस दिल ने उदास रहने की हर नई तरकीब ईजाद कर ली।

   24
26 Comments

Mithi . S

01-Aug-2022 03:44 PM

Nice

Reply

Saurabh Patel

01-Aug-2022 05:24 PM

Thanks

Reply

Punam verma

01-Aug-2022 09:29 AM

Very nice

Reply

Saurabh Patel

01-Aug-2022 12:13 PM

Thanks

Reply

Abhinav ji

01-Aug-2022 09:06 AM

Nice

Reply

Saurabh Patel

01-Aug-2022 12:13 PM

Thanks

Reply